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कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन में राहुल गांधी ने भाजपा और RSS पर साधा निशाना।

हम सत्याग्रही और BJP-RSS वाले सत्ताग्रही हैं: राहुल गांधी

अक्षय अजय बेहरा (ब्यूरो हेड, छत्तीसगढ़), रायपुर: आज कांग्रेस का 85वें राष्ट्रीय अधिवेशन का तीसरा और अंतिम दिन था। आज सभी बड़े कांग्रेस नेताओं ने भाषण दिया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी अरुणाचल प्रदेश से गुजरात तक भारत जोड़ो यात्रा निकालने का विचार कर रही हैं। वहीं, राहुल गांधी ने 32 मिनट की स्पीच दी। राहुल ने भाषण में भारत जोड़ो यात्रा, अडाणी हिंडनबर्ग केस, चीन पर जयशंकर के बयान और 2024 लोकसभा चुनाव समेत कई मुद्दों पर बात की।

राहुल ने अपने भाषण में 1977 का किस्सा भी सुनाया, जिसमें उन्हें पहली बार अहसास हुआ था कि उनके पास अपना घर नहीं है। उन्होंने कहा- 52 साल हो गए, मेरे पास आज भी अपना घर नहीं है। उनकी बातें सुनकर सोनिया गांधी भावुक नजर आईं।

जब गले लगता था तो ट्रांसमिशन सा होता था
राहुल गांधी ने कहा, ‘4 महीने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक हमने भारत जोड़ो यात्रा की। वीडियो में आपने मेरा चेहरा देखा, लेकिन हमारे साथ लाखों लोग चले। बारिश, गर्मी और बर्फ में हम सब एक साथ चले। बहुत कुछ सीखने को मिला। आपने देखा हो कि पंजाब में एक मैकेनिक आकर मुझसे मिला। मैंने उसके हाथ पकड़े और सालों की उसकी तपस्या, उसका दर्द और दुख मैंने पहचान लिया। लाखों किसानों के साथ जैसे ही हाथ मिलाता था, गले लगता था एक ट्रांसमिशन सा हो जाता था। शुरुआत में बोलने की जरूरत होती थी कि क्या करते हो, कितने बच्चे हैं, क्या मुश्किलें हैं। एक-डेढ़ महीना ये चला और उसके बाद बोलने की जरूरत नहीं पड़ती थी। जैसे ही हाथ पकड़ा, गले लगे उनका दर्द एक सेकेंड में समझ आ जाता था। जो मैं उनसे कहना चाहता था, बिना कुछ बोले वो समझ जाते थे।’

10-15 दिन में डर गायब हो गया
राहुल गांधी ने कहा- सुबह उठकर सोचता था कैसे चला जाए। उसके बाद सोचता था कि 25 किलोमीटर नहीं 3 हजार 500 किलोमीटर चलना है, कैसे चलूंगा। फिर कंटेनर से उतरता था चल देता था। लोगों से मिलता था। पहले 10-15 दिन में डर गायब हो गया।

आज तक मेरे पास घर नहीं है
उन्होंने कहा, मैं छोटा था, 1977 की बात है। चुनाव आया, मुझे उसके बारे में कुछ नहीं मालूम था। घर में अजीब सा माहौल था। मैंने मां से पूछा मम्मी क्या हुआ। मां कहती हैं कि हम घर छोड़ रहे हैं। तब तक मैं सोचता था कि वो घर हमारा था। मैंने मां से पूछा हम घर क्यों छोड़ रहे हैं। पहली बार मां ने मुझे बताया कि ये हमारा घर नहीं है। ये सरकारी घर है। अब हमें यहां से जाना है। मैंने पूछा कहां जाना है तो कहती हैं कि नहीं मालूम कहां जाना है। मैं हैरान था। मैंने सोचा था कि वो हमारा घर था। 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है।

महिला ने हाथ पकड़ा तो मैंने वही प्यार दिया, जो बहन प्रियंका को देता हूं
राहुल गांधी ने कहा, एक महिला पास आई, उसका हाथ मैंने पकड़ा और पता चल गया कि कुछ ना कुछ बात है। जो मेरा प्यार मेरी बहन के लिए है, वही प्यार मैं उसे देने लगा। मुझे अजीब सा लगा कि ये कैसे हो रहा है। मुझसे उसने कहा-राहुल भैया आपसे मिलने आई हूं।

मोदी ने 15-20 लोगों के साथ लालचौक में तिरंगा फहराया, हमने लाखों लोगों के साथ
राहुल ने कहा, नरेंद्र मोदी बीजेपी के 15-20 लोगों के साथ लाल चौक में झंडा फहराया, भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों लोगों के साथ झंडा फहराया, प्रधानमंत्री को समझ नहीं आया। एक कश्मीरी आया और बोला कि मैं आपके साथ तिरंगा लेकर चल रहा हूं, क्योंकि आपने हमारे दिल में भरोसा जगाया है।

भाजपा और संघ अडाणी को क्यों बचा रहे
मैंने संसद में एक फोटो दिखाई, जिसमें मोदी अडाणी के साथ प्लेन में बैठे हैं। मैंने पूछा रिश्ता क्या है। पूरी सरकार, सभी मंत्री अडाणी को बचाने में लग गए। अडाणी पर हमला करने वाला देशद्रोही और अडाणी देशभक्त बन गए। भाजपा और संघ उस व्यक्ति की रक्षा कर रहे हैं।

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