रंगोली फाउंडेशन द्वारा मातारानी की कुटिया वृद्ध आश्रम बहतराई में राशन सामग्री दान की गई

नीतेश वर्मा

ब्यूरो हेड

बिलासपुर,

“क्या मेरा है जो लेके आया,
क्या मेरा है जो लेके जाऊ”

ईश्वर ने इस धरती पर सबसे सुंदर रचना की मनुष्य की, परंतु कौन जानता था कि वह सुंदर रचना एक दिन अपने स्वार्थ के लिए अपनो को भी पराया कर जायेगा। अंतरात्मा को तकलीफ होती है जब हम इस संसार में अनाथाश्रम और वृद्धाश्रम देखते है। परंतु यह जीवन है सदैव अच्छा नहीं हो सकता, और सदैव बुरा भी नहीं इसलिए इन स्थानों पर रहने वाले माताओं बुजुर्गो एवं बच्चे जिन्हे अपने तो त्याग चुके है परंतु सेवाभाव से जुड़े लोग समय समय पर अपना सहयोग प्रदान कर उनकी झोली भी खुशियों से भरने की कोशिश करते है।

इसी कड़ी में आज हमे भी मौका मिला कि हम भी अपना थोड़ा समय, थोड़ा सहयोग इनको दे पाएं और इनकी एक मुस्कान के कारण बने। 30 नवंबर को रंगोली फाउंडेशन के संस्थापक श्री नीलेश खांडे जी के  बड़े बेटे अधिराज खांडे का जन्मदिन है इस अवसर पर बिलासपुर में स्थित मातृछाया महिला वृद्धाश्रम और घरौंदा अनाथ आश्रम दो ऐसे जगह है जहां जाकर हमने आज अपने परिवार और रंगोली फाउंडेशन की तरफ से सहयोग प्रदान किया।

वर्तमान में मातृछाया वृद्धाश्रम में अभी 17 माताएं निवास करती है जिनके लिए हमने 20 नाग चादर और फल भेट किए साथ ही घरौंदा जो की मानसिक रूप से कमजोर लड़कियों का आश्रम है यहां वर्तमान में 26 लड़कियां निवास करती है यहां हमने उनके दैनिक उपयोग के लिए साबुन, सर्फ, तेल, टूथपेस्ट, इत्यादि सामान प्रदान किया।

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