रियेजेंट किट की कमी पर हाई कोर्ट का संज्ञान, 10 जुलाई को सुनवाई, विभाग को देना होगा जवाब
बिलासपुर के जिला अस्पताल समेत 13 से अधिक प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खून की जांच बंद
रियेजेंट किट की कमी पर हाई कोर्ट का संज्ञान, 10 जुलाई को सुनवाई, विभाग को देना होगा जवाब
बिलासपुर के जिला अस्पताल समेत 13 से अधिक प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खून की जांच बं
बिलासपुर। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और सरकारी अस्पतालों के लैब में खून से जुड़े जांच ना होने पर हाई कोर्ट बिलासपुर ने स्वास्थ्य विभाग को फटकर लगाई थी। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विभाग से जवाब मांगा था। जिसकी सुनवाई 10 जुलाई को होने वाली है।
इधर कोर्ट द्वारा स्वास्थ्य विभाग को सेवाओं को सुधार के आदेश के बाद भी स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। जिला अस्पताल समेत सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में खून से जुड़े सभी जांच लगभग बंद है। इसका कारण जांच के लिए उपयोग होने वाले रिए कीट की कमी है। लंबे समय से किट की आपूर्ति बाधित होने की वजह से खून से जुड़े जांच सरकारी अस्पतालों में नहीं हो पा रहे। इसके चलते हर दिन हजारों गरीब मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा हैं।
जिले के इन स्वास्थ्य केंद्रों में दवाएं ठप
बिलासपुर जिले के स्वास्थ्य केंद्र बेलपान, गनियारी, दगोरी, हरदीकला, देजा, सागर, कोदगर, बस्तीबगर, बोडसरा, मानिकचौर, ढोबहर, खोदरी, केनवची समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में किट की कमी के चलते खून से जुड़े जांच ठप हैं।
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बजट का संकट, कंपनियों ने रोका ऑर्डर
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खून जांच के लिए जरूरी रिएजेंट किट की डिमांड काफी दिनों से की जा रही है। लेकिन आपूर्ति नहीं हो पा रहा है। पहले के लंबित भुगतान ना कर पाने की वजह से एजेंसियों और कंपनियों ने किट की सप्लाई करने के मना कर दिया है।
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है बेहतर करेंगे व्यवस्था
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल ने कहा कि व्यवस्थाओं को सुधारने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। जहां कमी आ रही है वहां आपूर्ति कराने के निर्देश दिए गए हैं।