CGMSC : ईडीटीए ट्यूब को 2300 से 3000 रुपए में खरीदी का भ्रामक प्रचार, सीजीएमएससी ने संज्ञान में लिया, कहा : नहीं हुई कोई गड़बड़ी
ब्यूरो हेड
CGMSC : ईडीटीए ट्यूब को 2300 से 3000 रुपए में खरीदी का भ्रामक प्रचार, सीजीएमएससी ने संज्ञान में लिया, कहा : नहीं हुई कोई गड़बड़
एक पैकेट में 100 पीस, प्रत्येक ट्यूब 25 से 30 रुपये में ही खरीदे
4 करोड़ 70 लाख से ज्यादा मरीजों के टेस्ट, जरूरतमंदों को मिला लाभ
रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (CGMSC) ईडीटीए ट्यूब को 2300 से 3000 तक खरीदी की भ्रामक खबरे लगातार सामने आ रही है। जबकि सीजीएमएससी में खरीदे गए ईडीटीए ट्यूब के एक पैकेट में 100 पीस होते हैं। और प्रत्येक ट्यूब की कीमत 25 से 30 रुपये तक खरीदे गए हैं।
प्रबंधन ने जानकारी देते हुए बताया कि सीजीएमएससी की वेबसाइट में सप्लाई की गई सामग्री का विवरण एक पैकेट के आधार पर लिखा गया है, जिसकी कीमत 2300 से 3000 रुपये है। वहीं, एक पैकेट में ईडीटीए ट्यूब की संख्या 100 होती है, उस हिसाब से प्रत्येक ट्यूब की कीमत 25 से 30 रुपये ही होती है।
सीजीएमएससी ने कहा, नियम से हुई खरीदी, कोई गड़बड़ी नहीं
दरअसल कुछ दिनों से विभिन्न समाचार माध्यमों से फर्म मोक्षित कारपोरेशन की छवि धूमिल करने का प्रयास चल रहा है। एकतरफा खबर चलाते हुए कई समाचार पत्राें में यह बताया जा रहा है कि कंपनी की ओर से 25-30 रुपये की सामग्री को 2300 से 3000 रुपये में सीजीएमएससी को सप्लाई की गई है, जो कि पूर्णत: गलत है। इसकी पुष्टि सीजीएमएससी द्वारा जारी किए गए स्पष्टीकरण से भी की जा सकती है।
4 करोड़ 70 लाख से ज्यादा मरीजों के टेस्ट, मिला लाभ
कुछ समाचार पत्रों सहित मीडिया समूहों में यह भी दिखाया गया है कि कागजों में ही सप्लाई की गई है, जो पूर्णत: गलत है। क्योंकि इसकी सप्लाई शासन के जिम्मेदार अधिकारियों (दवा गोदामों के मैनेजर और स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों) द्वारा सत्यापन के पश्चात ही आपूर्ति की गई है। यदि रिएजेंट की सप्लाई कागजों में की गई होती तो 2022-23 और 2023-24 मे 4 करोड़ 70 लाख से ज्यादा मरीजों के टेस्ट स्वास्थ्य संस्थाओं के द्वारा कैसे हो पाता। इससे स्पष्ट है कि विभागीय खरीदी में गड़बड़ी नहीं हुई, इसे विभाग और एजेंसी को बदनाम करने के उद्देश्य से यह प्रयास चल रहा है।
ऑनलाइन प्रक्रिया से हुआ टेंडर, पूरी तरह से पारदर्शी
प्रबंधन ने बताया कि सीजीएमएससी द्वारा ऑनलाइन टेंडर निकाले जाने पर पूरी पारदर्शिता के साथ टेंडर भरा जाता है। टेंडर भरने से लेकर पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है।सभी के लिए पारदर्शी भी है। टेंडर का मूल्यांकन भी कई समिति से सदस्यों द्वारा करते हुए पूर्ण किया जाता है। निगम के एक्सपर्ट टेंडर का मूल्यांकन करते हैं और सभी प्रतिस्पर्धी एक दूसरे के दस्तावेज देख भी सकते हैं, इससे किसी फर्म विशेष को लाभ पहुंचना संभव नहीं है।
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने में जुटा मोक्षित कॉरपोरेशन
दुर्भावना से प्रकाशन को लेकर विभाग और संबंधित एजेंसी की छवि धूमिल होने की शिकायत लगातार सामने आई है। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री समेत अधिकारियों ने भी चिंता जताई और उचित कार्रवाई की बात कही है। इधर मोक्षित कॉरपोरेशन ने भी स्पष्ट किया है कि दुर्भावना और नाम खराब करने के उद्देश्य से एक ही खबर को प्रकाशित कर दबाव बनाया जा रहा है। जबकि एजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने में विभाग के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है।