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क्या अब दिल्ली वालों को मिलेगा प्रदूषण से छुटकारा?? दिल्ली में लगा देश का पहला Smog Tower, प्रदूषित हवा को करेगा साफ, डाटा जुटाकर होगी समीक्षा

कनॉट प्लेस में लगा स्मॉग टावरसीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी यह नई तरह की तकनीक है और इसको एक तरह से बतौर ट्रायल देखा जा रहा है. हम लोग आने वाले समय में इसकी लगातार निगरानी रखेंगे. आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे के लोग इस डाटा का विश्लेषण करेंगे और यह बताएंगे कि यह स्मॉग टावर प्रदूषित हवा को साफ करने में कितना प्रभावी है.

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को प्रदूषित हवा से मुक्ति दिलाने के लिए आज कनॉट प्लेस में देश के पहले स्मॉग टावर का उद्घाटन किया. राजधानी बिगड़ती हवा, खासकर पीएम 2.5 की गुणवत्ता से जूझ रही है. यह आउटडोर एयर क्लीनिंग टेक्नोलॉजी लोगों को आसपास स्वच्छ हवा देने करने के लिए बनाई गई है.

दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट शुरू

सीएम केजरीवाल ने दिल्ली वालों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में दिल्ली ने देश के पहले स्मॉग टावर की शुरुआत की है. अमेरिकी तकनीक से बना यह स्मॉग टावर हवा में प्रदूषण की मात्रा को कम करेगा. पायलट आधार पर शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के नतीजे बेहतर रहे तो पूरी दिल्ली में ऐसे और स्मॉग टावर लगाए जाएंगे. सीएम ने कहा कि ऐसा टावर लगाकर प्रदूषित हवा को साफ करने का प्रयास आज तक देश में कभी नहीं किया गया.

थ्री-एम इलेक्ट्रोस्टैटिक एयर फिल्टर को आपके घर की हवा में सबसे छोटे हवाई कणों को पकड़ने की क्षमता के आधार पर रेट किया जाता है, जो आपके द्वारा प्रत्येक दिन सांस लेने वाले कणों का 99 फीसद कणों को बनाता है. यह छोटे कण आपके फेफड़ों में रह सकते हैं, जबकि बड़े कण मिनटों में फर्श पर आ सकते हैं. इन छोटे कणों को पकड़ने की एक फिल्टर की क्षमता के माप को माइक्रोपार्टिकल परफॉर्मेंस रेटिंग (एमपीआर) कहा जाता है और इसके फिल्टर का एमपीआर 2200 है.

नोवल फिल्टर धुएं, खांसी और छींक के मलबे, बैक्टीरिया और वायरस जैसे सूक्ष्म कणों और लिंट, घरेलू धूल और पराग सहित बड़े कणों को आकर्षित और कैप्चर करेंगे. स्मॉग टॉवर की मॉनिटरिंग इन बिल्ट स्काडा सिस्टम (पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण) के जरिए की जाएगी.

इस तकनीक को अमेरिका से आयात किया है और टावर करीब 24 मीटर ऊंचा है. यह स्मॉग टावर आसपास के एक किलोमीटर के दायरे की हवा को खींचेगा और फिर उस हवा को साफ करेगा. इसके बाद इसमें नीचे जो पंखे लगे हैं, वह उस हवा को साफ करके नीचे से बाहर छोड़ेंगे. इसकी क्षमता लगभग एक हजार घन मीटर प्रति सेकंड है. यानी यह स्मॉग टावर एक हजार घन मीटर हवा प्रति सेकंड साफ करके बाहर छोड़ेगा. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आसपास के एक किलोमीटर की हवा को यह साफ कर पाएगा.

आईआईटी करेगी निगरानी

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी यह नई तरह की तकनीक है और इसको एक तरह से बतौर ट्रायल देखा जा रहा है. हम लोग आने वाले समय में इसके ऊपर लगातार निगरानी रखेंगे. आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे के लोग इस डाटा का विश्लेषण करेंगे और यह बताएंगे कि यह स्मॉग टावर प्रदूषित हवा को साफ करने में कितना प्रभावी है.

टावर की क्या खासियत?

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2014 में जितना प्रदूषण होता था, उस समय पीएम-10 और पीएम 2.5 का जो स्तर था, वह अब काफी घट गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बारिश खत्म होते ही स्मॉग टावर को पूरी क्षमता के साथ चालू कर दिया जाएगा. इस टावर की जमीन से ऊंचाई 24.2 मीटर है और प्लान एरिया करीब 28X28 मीटर यानी 784.5 वर्ग मीटर है.

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने किया उद्घाटन

इसके अलावा टॉवर को आरसीसी और स्टील से तैयार किया गया है. इसमें पंखे के जरिए एक हजार घन मीटर प्रति सेकंड फिल्टर हवा छोड़ने की क्षमता है.टावर में कुल 40 पंखे लगे हैं जो 960 आरपीएम (रोटेशन प्रति मिनट) की स्पीड से चलेंगे. टावर में कुल 5000 फिल्टर लगे हुए हैं.

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