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प्राइवेट कर्मचारियों की सुविधाओं पर सरकार की नज़र नहीं।

6 साल में भी शुरू नहीं हुआ ईएसआई अस्पताल।

अक्षय अजय बेहरा (ब्यूरो हेड, छत्तीसगढ़)। बीएसपी के ठेका कर्मियों और निजी संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए स्मृति नगर में तैयार हो रहा ईएसआई सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल आज निर्माण शुरू होने के छह साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। 100 करोड़ की लागत से इस हॉस्पिटल का भवन तो तैयार कर लिया गया है लेकिन 200 बिस्तर के इस हॉस्पिटल के शुरू नहीं होने ईएसआईसी कार्डधारियों को लकगतार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और साथ ही सरकार भी आर्थिक नुकसान झेल रही है।
यदि दुर्ग-भिलाई शहर की ही बात की जाए तो 60 हजार से ज्यादा प्राइवेट कर्मचारी इस अस्पताल का लाभ नहीं ले पा रहे हैं और अस्पताल प्लान के अनुसार मरीजों को ट्रामा सेंटर ऑपरेशन सुविधा, अत्याधुनिक लैब, सिटी स्कैन, अत्याधुनिक मशीनों के साथ-साथ विशेषज्ञ डॉक्टर और सर्जन की सेवाएं मिलनी है।

ईएसआई हॉस्पिटल का निर्माण वर्ष 2016 में शुरू हुआ है। राज्य कर्मचारी बीमा निगम के कार्डधारियों को भर्ती कर इलाज की सुविधा इस हॉस्पिटल में मिलना है। हॉस्पिटल के नहीं होने की वजह से कर्मचारियों को इलाज के लिए सरकार द्वारा निजी अस्पतालों से अनुबंध किया गया है जिसके चलते हितग्राहियों को इन निजी अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है और मरीजों को भर्ती कर उपचार करने के एवज में सरकार निजी अस्पतालों को सालाना भुगतान करती है।

राज्य कर्मचारी बीमा निगम अपने हेल्थ सेंटरों को डिसपेंसरी नाम देकर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। इन हेल्थ सेटरों में पैथालॉजी व रेडियोलॉजी के जांच का इंतजाम नहीं है। इन डिस्पेंसरी में न ब्लड जांच, न एक्सरे और न ही अल्ट्रासाउंड की सुविधा है। इन दिक्कतों के साथ ही हितग्राहियों को 24 घंटे के भीतर सूचना देने की अनिवार्यता है यदि हितग्राही की तबियत अचानक खराब हो जाती है तो वे सीधे संबंधित अस्पताल में नहीं पहुंच सकते, इसके लिए नियम बना दिया गया है कि आपात स्थिति में भी डिसपेंसरी के डॉक्टर को पहले सूचना देनी होगी, ऐसा नहीं करने पर मेडिकल बिल का भुगतान ही रिजेक्ट कर दिया जाता है । इससे हितग्राहियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है ।
कार्डधारियों के लिए मेडिकल सुविधा के नाम पर दुर्ग भिलाई में छड डिसपेंसरी चलाई जा रही है । ये डिसपेंसरी स्मृति नगर , रिसली , नंदिनी रोड , हथखोज , जामुल और दुर्ग में संचालित है । यहां केवल सर्दी , खांसी , बुखार जैसी प्राइमरी जांच और उपचार की सुविधा कर्मियों को मिल रही है । यहां न ही पैथालॉजी की सुविधा है ।
आईपी कार्ड रहते हुए हितग्राहियों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करने के लिए कुल 9 कागज मांगे जा रहे हैं । इसके लिए भिलाई में संचालित सभी डिसपेंसरियों में नोटिस चस्पा किया गया है। रेफलर को लेकर हितग्राहियों की दिक्कतें बनी हुई है।

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