मक्का प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना से बढ़ेंगे रोजगार के नए अवसर : कोंडागांव जिले में शुरू हुई प्रारंभिक प्रक्रिया
राज्य शासन की मंशा के अनुरूप लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री और कोण्डागांव जिले के प्रभारी मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में राज्य के मक्का किसानों को मक्का प्रोसेसिंग प्लांट की सौगात मिली है। मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार की प्रस्तावित महत्वाकांक्षी परियोजना मां दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण इकाई की स्थापना से रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे। इसकी स्थापना से प्रत्यक्ष रूप से 1000 लोगों को तत्काल रोजगार प्राप्त होगा। साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में बेहतर कार्य कर रही है। इसी कड़ी में अब मक्का किसानों को भी इसका सीधा लाभ मिल सकेगा। कोण्डागांव जिले के कलेक्टर श्री ने आज मक्का प्रसंसकरण प्लांट के निर्माण स्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्माण संबंधी कार्यों के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
कोंडागांव जिले कोकोड़ी में 136 करोड़ की लागत से बनने वाले इस प्लांट 93 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा प्रदान की गई है शेष राशि किसानों द्वारा गठित सहकारी समिति द्वारा लगाई जाएगी। वर्ष 2022 तक पूर्ण होने वाले इस प्लांट से जिले के 65 हजार से अधिक मक्का उत्पादित करने वाले किसानों को लाभ प्राप्त होगा साथ ही इस प्लांट से कोकोड़ी और आसपास के गांव के 1000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। कोंडागांव जिले के कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि प्लांट की क्षमता, उत्पादन, मानव शक्ति, मक्का के विभिन्न उत्पादों के निर्यात, परिवहन, बाजार प्रबंधन, किसानों के लाभांश का बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा कार्यस्थल पर समस्त निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा लगातार की जा रही है। कलेक्टर श्री मीणा ने आज निरीक्षण के दौरान प्लांट के प्रबंध निदेशक श्री के.एल. उईके और नेकॉफ के अधिकारियों को प्लांट निर्माण के विभिन्न चरणों, बायलर, प्लांट मशीनरी, प्रशासनिक भवन निर्माण आदि का समयबद्ध कार्यक्रम तय करने के निर्देश दिए। लगभग 130 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाले इस प्लांट से किसानों को मक्का का प्रति क्विंटल मूल्य एक हजार से पंद्रह रुपए मिल रहा है वहीं प्रोसेसिंग पश्चात् उन्हें 3500 रुपए प्राप्त होंगे जिससे कृषकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। इसके अतिरिक्त मौजूदा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार के नजरिए से भी प्लांट की एक बड़ी भूमिका होगी। आने वाले समय में जिले के कृषकों के सामाजिक आर्थिक बदलाव में इस संयंत्र की प्रमुख भूमिका रहेगी।