Chhattisgarh

डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर एसीआई में नवस्थापित कैथलैब यूनिट का कल ई-उद्घाटन करेंगे माननीय स्वास्थ्य मंत्री,यह पूरे भारत का तीसरा शासकीय संस्थान होगा

Dr. Bhimrao Ambedkar Memorial Hospital, Raipur Hon'ble Health Minister to inaugurate newly installed Cathlab Unit in ACI tomorrow

कैथलैब मशीन की लागत लगभग साढ़े तीन करोड़,कैथलैब के साथ लगभग सात करोड़ की अन्य एडवांस मशीनें,ई-उद्घाटन के साथ प्रारंभ हों जाएंगे दिल की बीमारियों के प्रोसीजर,भारत का तीसरा ईपी लैब एसीआई में स्थापित

रायपुर. 22 अगस्त 2020. डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट(एसीआई) में नवस्थापित कैथलैब यूनिट का ई-उद्घाटन कल शाम 4 बजे माननीय स्वास्थ्य मंत्री  टी. एस. सिंहदेव द्वारा किया जाएगा। उद्घाटन के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विष्णु दत्त ने बताया कि लगभग साढ़े तीन करोड़ की लागत से अत्याधुनिक कैथलैब मशीन का इंस्टालेंशन एसीआई में किया गया है। कैथलैब मशीन के साथ यहां एडवांस तकनीक वाली अन्य मशीनें भी स्थापित की गईं हैं। जो हृदय रोगों की जांच एवं निदान में बेहद उपयोगी साबित होंगी। आने वाले दिनों में हृदय से जुड़ी बीमारियों के लिये यह संस्थान सर्वसुविधाओं से परिपूर्ण होगा।  कैथलैब में सात अन्य एडवांस मशीनों का इंस्टालेंशन किया गया है। इन सभी का उपयोग हृदय की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाएगा। इन मशीनों को भाभा एटॉमिक एनर्जी सेंटर से रेडियेशन का लाइसेंस प्राप्त हो चुका है। इनमें से ईपीएस, आरएफए एवं आईसीई मशीन को मिलाकर कम्पलीट ईपी लैब तैयार किया गया है। लखनऊ एवं जम्मू कश्मीर के बाद यह पूरे भारत का तीसरा शासकीय संस्थान होगा जिसमें ये तीनों मशीनें एक साथ स्थापित हैं। शनिवार को माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी के उद्घाटन के बाद सोमवार से एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी एवं दिल की अन्य बीमारियों का इलाज शुरू हो जाएगा। मशीनों के नाम एवं उनकी तकनीकी विशेषताएं इस प्रकार हैं:-

1. कैथलैब मशीन – इसकी मदद से हृदय की एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेस मेकर एवं आईसीडी(इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डीफिब्रिलेटर) मशीन लगाई जाती है। इसके अलावा डिवाइस क्लोजर, बैलून मिट्रल वॉल्वोटॉमी (बीएमवी), टीएवीआई (ट्रांस कैथेटर आर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेंशन ) इत्यादि कार्डियक इंटरवेंशन प्रोसीजर किये जाते हैं।

2. इंट्रा ऑर्टिक बैलून पम्प या आईएबीपी मशीन – यह एक प्रकार का डिवाइस है जो हृदय को ज्यादा खून पम्प करने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल उन मरीजों में किया जाता है जिनका बी. पी. कम होता है। यदि मनुष्य का दिल शरीर के लिए पर्याप्त रक्त पंप करने में असमर्थ है, तो इस मशीन की आवश्यकता होती है। यह हृदय को प्रत्येक संकुचन के साथ अधिक रक्त पंप करने में भी मदद करता है।

3. ईपीएस, आरएफए एवं आईसीई मशीन – इन तीन मशीन को मिलाकर कम्पलीट ईपी लैब तैयार होता है। लखनऊ एवं जम्मू कश्मीर के बाद यह पूरे भारत का तीसरा शासकीय संस्थान होगा जिसमें ये तीनों मशीनें एक साथ स्थापित हैं। ईपीएस मशीन यानी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी (ईपी) अध्ययन का उपयोग दिल की विद्युत प्रणाली या गतिविधि का आकलन करने के लिए किया जाता है। इस मशीन के जरिए असामान्य दिल की धड़कन का निदान किया जाता है। इस मशीन में कैथेटर और इलेक्ट्रोड के जरिये हृदय में प्रवेश करने वाली रक्त वाहिकाओं के माध्यम से दिल की विद्युत गतिविधि(इलेक्ट्रिकल एक्टीविटी)को मापते हैं। आरएफए यानी रेडियोफ्रीक्वेंसी एबिलेशन मशीन के जरिये विद्युत गतिविधि की वजह से बढ़ने वाली धड़कन को रेडियो तरंगों द्वारा जलाकर विद्युत गतिविधि को खत्म किया जाता है। आईसीई यानी इंट्रा कार्डियक इकोकॉर्डियोग्राफी मशीन दिल के अंदर संरचनाओं की तस्वीर बनाने के लिए अल्ट्रासाउंड तरंगों का उपयोग करता है। इंट्राकार्डियक इकोकार्डियोग्राम, इकोकार्डियोग्राफी का कैथेटर-आधारित रूप है जो छाती की दीवार के माध्यम से ध्वनि तरंगों को भेजकर हृदय की छवियों को इकट्ठा करने के बजाय, हृदय की अंदरूनी छवियों को इकट्ठा करता है। यह मशीन एक प्रकार का इको कॉर्डियोग्राफी मशीन ही है। जो दिल की संरचना को करीब से देखने तथा ईपीएफ कैथेटर को ढूढंने में मदद करता है।

4. आईवीयूएस – आईवीयूएस अर्थात् इंट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड मशीन इमेजिंग पद्धति पर आधारित मशीन है जिसका इस्तेमाल कोरोनरी आर्टरी के अल्ट्रासाउंड में होता है। इससे कोरोनरी ब्लॉकेज की वास्तविक स्थित का पता चलता है।

5. एफएफआर मशीन – फैक्शन फ्लो रिजर्व याली एफएफआर मशीन कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज के दबाव को मापने के लिये उपयोग में लाया जाता है। इसके साथ ही यह फंक्शनल फिजियोलॉजिकल ग्रेडिंग करने के लिये उपयोग में लायी जाती है।

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