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हाथियों के द्वारा होने वाले जनधन की हानि को रोकने के उपाय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया

नीतेश वर्मा

ब्यूरो हेड

हाथियों के द्वारा होने वाले जनधन की हानि को रोकने के उपाय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया

गौरेला पेंड्रा मरवाही 11 नवंबर 2021 को वन परीक्षेत्र मरवाही दानीकुंडी में माना हाथी द्वंद प्रबंधन को नियंत्रित करने के उद्देश्य से हाथी मित्र दल एलीफेंट ट्रैकर ग्रामीण एवं फ्रंटलाइन स्टाफ का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया प्रशिक्षण में मानव हाथी द्वंद प्रबंधन हाथियों का व्यवहार मित्र दल की भूमिका ट्रेकिंग की विधियां एवं जन धन की हानि रोकने के उपाय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया प्रशिक्षक श्री प्रभात दुबे हाथी विशेषज्ञ अंबिकापुर के द्वारा दिया गया ।

विविध सुविधा सह मूल्य संवर्धन केंद्र दानीकुंडी में हाथियों से बचाव एवं सावधानी का प्रशिक्षण दिया गया।
गौरतलब है कि लगातार 5 से 7 वर्षों से जिला मरवाही वन मंडल में हाथियों का आवागमन बना हुआ है ,वनांचल में बसे ग्रामीणों को जानमाल का काफी खतरा बना रहता है ,वन मंडल मरवाही के द्वारा ग्रामीणों को हाथियों से कोई छति न पहुंचे इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है, इसी संदर्भ में आज विविध सह मूल्य संवर्धन केंद्र दानी कुंडी में हाथियों से बचाव एवं सावधानी के प्रशिक्षण दिया गया हैं जिसमें प्रशिक्षक *प्रभात दुबे* ने हाथियों के रहन-सहन एवं उनके जीवन काल के बारे में बताते हुए कहा हाथियों एक आतंकवादियों की तरह होता है वह अचानक कहीं से भी कहीं पर हमला कर देता है जिसे अचानक हुए हमले से लोग अपना बचाओ या दूसरे लोगों का बचाओ इस स्थिति में नहीं कर सकते इसलिए हाथी प्रभावित क्षेत्र से दूरी बनाए रखना चाहिए हाथियों के करीब जाने की कोशिश नहीं करना चाहिए, ना ही हाथियों को भगाने की कोशिश करनी चाहिए, किसी भी दिशा में हाथी जा सकते हैं ,जिसमें दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है, शराब एवं सुगंधित खाद्य पदार्थ हाथियों को आकर्षित करती है अतः विशेष सावधानी रखें, जंगली हाथियों से कम से कम 200 मीटर की दूरी बनाए रखें, जंगली हाथियों के साथ सेल्फी या फोटो लेने की कोशिश ना करें, जंगली हाथी शोर-शराबे से नाराज होते हैं अतः हल्ला ना करें , हाथियों को भगाने की कोशिश ना करें, वन अधिनियम के अधीन हाथियों को विशेष संरक्षण प्राप्त है इन्हें किसी भी प्रकार की हानि पहुंचाने पर पुलिस विभाग कार्यवाही कर सकती है, जब भी हाथियों का विचरण दिन में हो तो विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है ,क्योंकि हाथी दिन में आराम करते हैं और सताए जाने की दिशा में इधर-उधर गुस्से में घूमते हैं वह आक्रमक हो सकते हैं, हाथियों के विचरण क्षेत्र में वनों में एकाकी घरों में रहने वालों को सुरक्षित स्थान के पक्के मकानों (पंचायत भवन स्कूल)आदि में अस्थाई रूप से स्थानांतरित करवाये, हाथियों को देखने के लिए जंगल ना जाए या की जंगल किसी को ना जानें दे,*जंगल में आप हाथियों को देखने जाएंगे तो हाथी आपको देखने आपके घर तक आएंगे अतः इससे बचने का उपाय है कि उन्हें देखने जंगल में ना जाएं*,

हाथियों को खाने पीने की वस्तु ना किसी को दे ना देने दे, शराब व शराबियों से जंगली हाथी आकर्षित होते हैं और उन पर हमला कर सकते हैं अतः सावधान रहें, हाथियों को भगाने के लिए पटाखे न फोड़े, हाथियों के भगाने से उग्र होकर और अधिक हानि पहुंचा सकते, हाथियों को पत्थर या गुट्टा से ना मारे, हाथियों में बदला लेने का स्वभाव होता है, संपत्ति की हानि सरकार दे सकती है मगर जनहानि पर सरकार पूरा जीवन दान नहीं दे सकती अतः सावधान रहें सुरक्षित है, डिप्टी रेंजर सतीश कुमार गुप्ता एवं वनरक्षक राजकुमार बंजारे के विशेष सहयोग से कार्यक्रम संपन्न हुआ
, मरवाही वन परीक्षेत्र के रेंजर दरोगा सिंह मरावी,डिप्टी रेंजर सतीश कुमार गुप्ता, साथ वनरक्षक राज कुमार बजारे,राजेश तिवारी, विदेशी राम बनर्जी,डहरिया, कमलेश साहू , राम कुमार ओट्टी, एवं चौकीदार हाथी मित्र दल तथा ग्रामीण लोग उपस्थित रहे।

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