Chhattisgarh

नारी शक्ति टीम का रास गरबा डांडिया को लेकर प्रदेश में गजब उत्साह, अपनी अलग विशिष्ट अंदाज से पिछली बार पूरे देश का ध्यान खींचा था,इस बार भी पासेस की भारी डिमांड,महिलाओं के द्वारा महिलाएं के नाम से ही दिए जाते है पास

नारी शक्ति टीम का रास गरबा डांडिया को लेकर प्रदेश में गजब उत्साह, अपनी अलग विशिष्ट अंदाज से पिछली बार पूरे देश का ध्यान खींचा था,इस बार भी पासेस की भारी डिमांड,महिलाओं के द्वारा महिलाएं के नाम से ही दिए जाते है पास

वो कहते है न अगर आपकी नियत सही हो तो भगवान भी आपकी मदद करता है, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से शुरू हुआ नारी शक्ति के द्वारा रास गरबा पूरे देश में आदर्श बन जायेगा बड़े बड़े महानगर इनकीं नकल करेगे इसका एहसास शायद नारी शक्ति टीम को भी नही रहा होगा,
*अलग क्या है डांडिया में*
अब आपके मन में ये सवाल आता होगा कि डांडिया तो सभी जगह होते है इसमें अलग क्या ह तो हम बताते है,
डांडिया न सिर्फ मनोरंजन का साधन नही एक देवी आराधना है
और हिन्दुओ की आस्था का सवाल है ,पर कुछ सालों से लव जिहाद जैसी घटनाओं ने अभिभावकों के मन मे डर ला दिया ,इसके लिए नारी शक्ति ने उपाय निकाला प्रवेश द्वार पर तीन सुरक्षा घेरे से गुजरना होता

हिन्दू रास गरबा डांडिया का
आयोजन जिसमे सिर्फ हिंदू परिवारों को
के लिए आयोजित किया गया है

इस आयोजन में

आधार कार्ड की जांच कर
तिलक लगाकर
गंगाजल प्रसाद स्वरूप ग्रहण करवाकर जय माता दी के उद्घोष के साथ प्रवेश दिया जावेगा
ये सब मापदंड से गुजरने वाला व्यक्ति ही गरबा में प्रवेश कर सकता है।
इसकी नकल पूरे देश मे की गई और कई जगह ऐसे आयोजन किया जाने लगा।
पासेस को लेकर बिलासपुर ही नही पूरे प्रदेश में भारी मांग है।
जहां ऐसे आयोजन सनातन संस्कृति की परम्परा को पुनः जीवित कर रहे है वही सनातन संस्कृति मानने वालों के लिए पहली पसंद बना हुआ है नारी शक्ति का रास गरबा।जहा भक्तिमय पारिवारिक माहौल में श्रद्धालु देवी के भक्ति में लीन हो जाते है ।
नारी शक्ति के फाउंडर एवम रास गरबा के मुख्य आयोजनकर्ता धनंजय गोस्वामी ने बताया कि हमारा उद्देश्य एक अच्छे माहौल में सनातन संस्कृति को बढ़ावा देकर युवाओं को अपनी संस्कृति परम्परा से जोड़ने का है जो हमारी टीम लगातार कर रही है।
उन्होंने अधिक से अधिक इस आयोजन में पहुचकर रास डांडिया को एक बार फिर सफल बनाने की अपील की ।

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