Chhattisgarh

छत्तीसगढ़: NH परियोजनाओं में देरी, 1273 करोड़ रुपए के हमारे 17 बड़े सड़क प्रोजेक्ट 5 साल लेट

रायपुर-धमतरी फोरलेन का निर्माण 2016 में शुरू, अब 70% काम बाकी।

देश में मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे की देश में कुल 71 ऐसी हाईवे परियोजनाएं हैं, जो पांच वर्ष से अधिक समय से विलम्बित हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 17 पेंडिंग प्रोजेक्ट्स छत्तीसगढ़ में हैं, जिनकी कुल लागत 1273.21 करोड़ रुपए है। यह जानकारी 26 जुलाई को प्रस्तुत परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी समिति की रिपोर्ट में राज्यसभा में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल पांच साल से अधिक विलम्ब वाली राष्ट्रीय सड़क परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ के बाद सबसे ज्यादा विलम्ब वाले प्रोजेक्ट्स में मिजोरम (5), बंगाल (5) और असम (4), ओडिशा (4) व बिहार (4) हैं।

वजह- भू-अधिग्रहण, खराब ठेका और भू-उपयोग बदलाव

रिपोर्ट में परियोजनाओं में देरी के ये कारण मंत्रालय ने बताए हैं- ठेकेदारों का खराब प्रदर्शन, भूमि उपयोगिता स्थानांतरण, भूमि अधिग्रहण, ठेकेदारों की नकदी प्रवाह समस्या और कानून व्यवस्था की समस्या। समिति ने रिपोर्ट में कहा कि ऐसी देरी से प्रोजेक्ट्स की लागत बढ़ती है। मौजूदा यातायात का समय बढ़ता है। समिति ने कई सालों में राजमार्गों की बढ़ती निर्माण गति की प्रशंसा की, लेकिन साथ ही पांच साल से भी अधिक अवधि से लंबित बड़ी परियोजनाओं को चिंता का कारण भी बताया है।

रायपुर-धमतरी फोरलेन का निर्माण 2016 में शुरू, अब 70% काम बाकी

4 साल पहले से शुरू हुआ रायपुर-धमतरी एनएच को फोरलेन में बदलने का काम शुरू हुआ। लेकिन 7 महीने बाद ही ठेकेदार ने काम बंद कर दिया।

राजधानी को धमतरी से जोड़ने वाली इस फोरलेन का प्रोजेक्ट नवंबर-2016 में ही शुरू हुआ, लेकिन अभी तक इस राेड के 70% हिस्से में काम बाकी है।

रायपुर-धमतरी फोरलेन की लागत 700 करोड़ रु. है। धमतरी और जगदलपुर से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए करीब 4 साल पहले काम शुरू किया गया था।

कंपनी फरवरी-मार्च तक ठीक काम करती रही, लेकिन अप्रैल 2018 में पचपेड़ीनाका से 7-8 किमी सड़क बनाने के बाद काम बंद कर दिया गया।

एनएचआई ने दुर्ग की कंपनी को सड़क बनाने की जिम्मेदारी दी। पुराने ठेकेदार को टर्मिनेट करने के बाद नए सिरे से टेंडर हुआ लेकिन आगे नहीं बढ़ा।

इससे रायपुर से रोजाना धमतरी आने-जाने वाले डेढ़ लाख से ज्यादा वाहनों को फोरलेन सड़क की सुविधा अभी तक नहीं मिल सकी है।

  • 300 करोड़ के तीन फ्लाईओवर दो साल लेट

हैवी ट्रैफिक से राहत देने रायपुर-भिलाई नेशनल हाईवे फोरलेन पर चार साल पहले ही तीन फ्लाईओवर बनाने का काम शुरू हुआ। लेकिन अभी तक इन पुलों की सुविधा लोगों को नहीं मिल सकी है। 300 करोड़ रुपए से अधिक की इस परियोजना की धीमी गति का नतीजा है कि यह प्राेजेक्ट दो साल तक लेट हो चुके हैं। रायपुर-भिलाई जाने-आने वालों के लिए इन दिनों काफी मुश्किल भरा सफर हो गया है। दिन में 5 से 6 बार हाईवे जाम भिलाई-3 से लेकर चरोदा तक हाईवे में जाम की बात सामान्य है। भारी वाहनों की वजह से जाम लगता है।

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