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केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को राहत, कोर्ट ने दी जमानत; राणे के वकील ने केंद्रीय मंत्री के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अदालत से जमानत की अपील की थी, आखिरकार कोर्ट ने जमानत दे दी।

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गई हैं.

मुंबई: महाराष्ट्र रके राजनीतिक इतिहास में एक अभूतपूर्व घटनाक्रम के तहत, महाराष्ट्र पुलिस ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे  को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ उनकी ‘थप्पड़ मारने’ वाली टिप्पणी के लिए गिरफ्तार कर लिया. केंद्रीय मंत्री को फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट बाबासाहेब शेख पाटिल की कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया. पुलिस ने कोर्ट में राणे की 7 दिन की रिमांड की मांग की लेकिन कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री को जमानत दे दी है.

राणे के वकील ने दिए ये तर्क

नारायण राणे  के वकील ने कोर्ट में कहा, राणे के खिलाफ पुलिस ने जो धाराएं लगाईं वो गलत हैं. पुलिस ने जांच के लिए रिमांड की मांग को लेकर जो कारण दिए हैं वो उचित नहीं हैं. राणे को गिरफ्तार करने से पहले पुलिस ने किसी तरह का नोटिस नहीं दिया. राणे के वकील ने कोर्ट में बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के कुछ उदाहरण भी पेश किए. राणे के वकील ने केंद्रीय मंत्री के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अदालत से जमानत की अपील की थी.

महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ

महाराष्ट्र में ऐसा पहली बार हुआ, जब एक सेवारत केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी की संभावना को देखते हुए, राणे की टीम ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन इस मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया गया. विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए महाराष्ट्र सरकार पर सरकारी तंत्र, पुलिस फोर्स के दुरुपयोग का आरोप लगाया. हालांकि, भाजपा ने राणे के बयानों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है लेकिन मौजूदा संकट में पूरी पार्टी उनके साथ मजबूती से खड़ी रहेगी.

राणे समर्थकों और भाजपा कार्यकतार्ओं में आक्रोश

राणे की आश्चर्यजनक गिरफ्तारी शिवसेना और भाजपा के बीच और कड़वाहट पैदा करेगी. एनसीपी और कांग्रेस दोनों के शीर्ष नेताओं ने मुख्यमंत्री के खिलाफ राणे की टिप्पणी की निंदा की है. यहां तक कि गुस्साए कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया. वहीं राणे के सहयोगी प्रमोद जथर ने दावा किया कि पुलिस ने कथित तौर पर यह स्वीकार किया कि गिरफ्तारी के लिए ऊपर से दबाव था. जथार ने तर्क दिया कि पुलिस उचित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया. ना ही गिरफ्तारी वारंट या अन्य दस्तावेज दिखाए. नाराज राणे समर्थकों और भाजपा कार्यकतार्ओं ने महाराष्ट्र सरकार विरोधी नारे लगाए और उनकी ‘अवैध गिरफ्तारी’ रद्द होने तक सड़कों और हाईवे को जान करने की धमकी दी.

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