सृजन घोटाला मामले में कार्रवाई, पूर्व IAS भगोड़ा घोषित।

अक्षय अजय बेहरा (ब्यूरो हेड, छत्तीसगढ़), पटना : बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने तीन आरोपियों को भगोड़ा घोषित किया है। इनमें पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैया, अमित कुमार और उनकी पत्नी रजनी प्रिया शामिल हैं। दरअसल, सीबीआई इनको गिरफ्तार करने में असफल रही है। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 फरवरी को भागलपुर के पूर्व जिलाधिकारी केपी रमैया घोटाले की किंगपिन मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार और उनकी पत्नी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। गिरफ्तारी नहीं होने पर तीनों के खिलाफ कुर्की वारंट जारी किया गया, जिसमें 2 की कुर्की जब्ती कर ली गई जबकि भागलपुर के पूर्व जिलाधिकारी केपी रमैया की कुर्की जब्ती नहीं हो सकी।

करोड़ों रुपए के इस घोटाले में कुल 27 आरोपी हैं। इनमें 12 न्यायिक हिरासत के अनुसार कारागार में बंद हैं, जबकि तीन फरार हैं। 7 आरोपी जमानत पर हैं। इस मुद्दे में केपी रमैया की कुर्की जब्ती नहीं होने पर विशेष कोर्ट ने अनुसंधानकर्ता के विरूद्ध CBI के एसपी को आचरण देखने को बोला है। CBI न्यायालय ने इन तीनों आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने के बाद इन तीनों के विरूद्ध स्थाई वारंट भी जारी कर दिया है। न्यायालय ने इसके साथ ही इन तीनों के मुकदमे की अभिलेख को अलग करने का भी निर्देश दिया है।

भागलपुर के प्रशासनिक इतिहास में आईएएस अधिकारी रहे केपी रमैया पहले जिलाधिकारी हैं जो किसी न्यायालय से भगोड़ा घोषित किए गए हैं। आंध्र प्रदेश के निवासी केपी रमैया शीघ्र से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। साल 2014 में उन्होंने वीआरएस लेकर राजनीति जॉइन की थी लेकिन लोकसभा चुनाव में सासाराम संसदीय सीट से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

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