सावधान! इस जिले में सक्रिय हैं साइबर ठग:नए-नए तरीके से किया जाता है फ्रॉड, जिले में पिछले 11 महीने के अंदर ही सिर्फ़ 5 मामलों में ही आरोपियों ने ठग लिए 60 लाख रुपये

पुलिस अब इन मामलों में आरोपियों को जल्द पकड़ने की बात कह रही है।

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही(GPM) जिले में ठग नए-नए तरीके से ठगी कर रहे हैं। जिले में पिछले 11 महीने के अंदर ठगी के 5 केस में एक भी आरोपी अब तक पकड़े नहीं गए हैं। आरोपियों ने इन सभी मामलों में लगभग 60 लाख रुपए की ठगी की है। बताया जा रहा है कि जिले में साइबर ठग सक्रिय हैं। जो लगातर लोगों से ठगी कर रहे हैं। वहीं पुलिस अब इन मामलों में आरोपियों को जल्द पकड़ने की बात कह रही है। हालांकि जिले के अलग-अलग थानों में ठगी के और भी कई केस दर्ज हैं, लेकिन इन मामलों में आरोपियों ने ठगी को जो तरीका अफनाया है, वो हैरान करने वाला है।

5 सितंबर को गौरेला के संजय चौक में रहने वाली जया सिंह चौहान ने गौरेला थाना में केस दर्ज कराया कि उसने 2019 में व्यापम द्वारा आयोजित शिक्षाकर्मी वर्ग एक की परीक्षा दी थी। जिसके कुछ दिन बाद एक अनिल नाम के एक शख्स का फोन आया और उसने बताया कि वो जया का चयन सूची में नाम जुड़वा देगा। इसके लिए 10 लाख रुपए लगेंगे। इस पर जया ने उसे रकम देने से मना कर दिया। इसके बाद आरोपी ने कहा था कि धीरे-धीरे करके रकम दे दीजिएगा। जिस पर जया मंजूर हो गई थी और उसने अलग-अलग बार में 5 लाख 30 हजार रुपए आरोपी के खाते में ट्रांसफर करा दिए थे। काफी दिन बीत जाने के बाद कि उसका नाम चयन सूची में नहीं आया। तब उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है।

29 अगस्त को मरवाही निवासी राशि चंद्र ने मरवाही थाना में केस दर्ज कराया । राशि ने बताया कि उसने कुछ ऑनलाइन सामान मांगाया था, वो काफी दिनों से आ नहीं रहा था। फिर 29 अगस्त को सुबह किसी अनजान शख्स का फोन आया और उसने बताया कि राशि आपका पार्सल डीएक्टिवेट हो गया है। इसी वजह से आपका पार्सल नहीं आ रहा है। उसे एक्टिवेट करना होगा। उसे मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया, आरोपी ने बताया कि उस लिंक को टच कर उससे 2 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने होंगे। जिसके बाद उसका पार्सल फिर से एक्टिवेट हो जाएगा। लेकिन राशि ने जैसे ही पैसे अपने खाते से ट्रांसफर किए। उसके बाद से उसके खाते से अलग-अलग बार में 73,400 रुपए निकाल लिए गए।

वहीं 2 महीने पहले गौरेला थाना में बधामुड़ा के रहने वाले माधव मिश्रा ने भी एक ठगी का केस दर्ज कराया। अपनी शिकायत में माधव ने बताया कि उसने फ्लिपकार्ट से कुछ सामान मांगाया था। सामान आ भी गया पर उसे डिलीवरी संबंधी कुछ शिकायत थी। इसलिए उसने डिलीवरी देने वाले लड़के से शिकायत संबंधी नंबर लिया और उस नंबर पर फोन किया। लेकिन जैसे ही उसने नंबर पर फोन किया कुछ देर बाद उसका फोन हैक कर लिया गया और उसके खाते से 18 हजार रुपए पार कर दिए गए।

8 महीने पहले गौरेला वार्ड नंबर 1 तेरा टोला की रहने वाली इंदिरा स्वामी शासकीय स्कूल की रिटायर्ड शिक्षिका के साथ भी 53 लाख से ज्यादा की ठगी हो गई। उन्हें अपना मकान का मरम्मत कराने के लिए 5 लाख की जरूरत थी। जिसके लिए उन्होंने मैग्मा फाइनेंस कंपनी से संपर्क किया था। कंपनी में उनका संपर्क नवीन कुमार नाम के शख्स से हुआ था। उसने लोन दिलाने कुछ रकम पहले ही कुछ जमा करा लिए। फिर भाग गया था। इसके बद इंदिरा का संपर्क रकम को वापस पाने की चक्कर में एक अन्य व्यक्ति मनोज तिवारी से हुआ। उसने खुद को कंपनी का MD बताया और 159900 रुपए PNB खाते में ट्रांसफर करा लिए। बताया गया की इसी तरह अलग-अलग फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी और अधिकारी बनकर अलग-अलग बैंक के अलग-अलग खातों कुल में 53 लाख से ज्यादा महिला से जमा करा लिए गए थे। पूरी घटना के पीछे एक ही आरोपी शामिल था। इस मामले भी गौरेला थाना में केस दर्ज है।

पिछले साल नवंबर में कपड़ा व्यवसायी गौरीशंकर तिवारी के साथ भी ठगी हुई। उन्हें 4 नवंबर को एक शख्स ने फोन कर कहा था कि वो फोन-पे से बात कर रहा है। उसने बताया कि आपके खाते में फोन पे ने 20 हजार रुपए कैश बैक भेजा है। उसने गौरीशंकर से कहा कि आप अपना फोन-पे खोलें और उसमें आए ओटोपी को बता दीजिए। इससे आपके खाते में राशि तुरंत जमा करा दी जाएगा। गौरीशंकर ने आरोपी को ओटीपी बता दिया और उसके खाते में रखे 54 हजार रुपए पार कर दिए गए। इस मामले की भी शिकायत गौरेला थाना में दर्ज कराई गई है।

जल्द ही अच्छे परिणाम आएंगे-SP

इधर, एसपी त्रिलोक बंसल ने जिले में बढ़ते ठगी के मामलों को लेकर कहना है कि सभी दर्ज मामलों को गंभीरता से लिए गया है। साइबर सेल के माध्यम से ठगों का पता लगाया जा रहा है। जल्द ही अच्छे परिणाम आएंगे। पुलिस साइबर क्राइम को रोकने प्रतिबध्द है। इसके लिए पुलिस जागरूकता अभियान भी चला रही है।

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