अक्षय अजय बेहरा (ब्यूरो हेड, छत्तीसगढ़), दिल्ली: योगी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लिया है। NCERT ने 2023-24 के सत्र के लिए इतिहास की किताबों में कई बदलाव किए हैं। ऐसे ही बदलाव यूपी बोर्ड की किताबों में भी किए गए हैं। इन बदलावों के तहत अब 12वीं कक्षा के बच्चों को मुगल दरबार का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा।
किताबों में से इन पाठों को हटाया गया:
NCERT ने 12वीं कक्षा की इतिहास की किताब से मुगल दरबार के चैप्टर को ही हटा दिया गया है। इसके अलावा, 11वीं की किताब से इस्लाम का उदय, औद्योगिक क्रांति और संस्कृतियों में टकराव जैसे पाठ हटा दिए गए हैं। 12वीं कक्षा की NCERT की किताब से अकबरनामा, बादशाह नामा, मुगल शासक और उनका साम्राज्य जैसे विषय हटा दिए गए हैं। इसके अलावा, मुगलों की लिपि, मूर्तिकला, संस्कृति राजधानी, राजशाही परिवार, मुगल दरबार के बौद्धिक लोग और अन्य जानकारियों को भी हटा दिया है। साथ ही, सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स, औद्योगिक क्रांति और संस्कृतियों का टकराव जैसे चैप्टर भी हटा दिए गए हैं।
डिप्टी सीएम बोले- असली संस्कृति से कराएंगे परिचय:
ये बदलाव NCERT के साथ-साथ यूपी बोर्ड की किताबों में भी लागू किए गए हैं। इस पर यूपी के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का कहना है, हमारी संस्कृत हमारी सांस्कृतिक विरासत है। हम अपनी नई पीढ़ी का परिचय विरासत से कराना चाहते हैं। पुराने काल में हम लोगों को हमारी ही संस्कृति से दूर रखा गया था। लोगों को बताया नहीं जा रहा था। अब हम लोगों को असली संस्कृति के बारे में बताएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, इतिहास के अलावा नागरिकशास्त्र की किताबों में भी बदलाव किए गए हैं।
बता दें कि यूपी सरकार ने साल 2020 में आगरा के मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम रख दिया था। गौरतलब है कि योगी सरकार इससे पहले भी मुगलों के नाम पर रखे कई जगहों के नाम बदल चुकी है और अब इस फैसले से विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर बीजेपी को आड़े हाथ ले सकती है।