भूपेश बघेल के जन्मदिन पर पोस्टरों से पटा दुर्ग,रामकली यादव ने जन्मदिन को ऐतहासिक यादगार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंकी,जिला सचिव विकास यादव ने मुख्यमंत्री के जन्मदिन हमारे लिए उत्सव से कम नही

भूपेश बघेल के जन्मदिन पर पोस्टरों से पटा दुर्ग,रामकली यादव ने जन्मदिन को ऐतहासिक यादगार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंकी,जिला सचिव विकास यादव ने मुख्यमंत्री का जन्मदिन हमारे लिए उत्सव से कम नही

दुर्ग-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल का जन्मदिन को लेकर पूरे प्रदेश में समर्थकों में उत्साह का माहौल है । इसी कड़ी में दुर्ग की जानी मानी कांग्रेस नेत्री रामकली यादव ने मुख्यमंत्री के जन्मदिन को ऐतहासिक और यादगार बनाने के लिए लगातार कई दिनों से लगी है,मुख्यमंत्री के लम्बी उम्र के लिए मंदिरों में पूजा अर्चना के साथ गरीबो को भोजन कपड़े माश्क वितरण के साथ पूरे शहर को बधाई वाले पोस्टर सेपाटदिया गया है ।

शहर युवा कांग्रेस सचिव विकास यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सपूत मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की जनता को अनेको सौगात दिए है हमारे नेता का जन्मदिन हमारे लिए किसी पर्व से कम नही और हम इस दिन को यादगार बनाने के लिए कई कार्यक्रम कर रहे है ।

भूपेश बघेल आज ये नाम किसी के लिए अनजान नही है ।अपनी अग्रेसिव आक्रामक राजनीति के लिए पहचान स्थापित कर चुके भूपेश बघेल की राजनीति की शुरवात दुर्ग युवक कांग्रेस अध्यक्ष से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का सफर आसान नही था ।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी से 15 साल रमन सिंह के सरकार को मात देना आसान नही था । झीरम घाटी नक्सली हमले में जब कांग्रेस के सारे बड़े नेताओं को नक्सलियों ने हत्या कर दिया ।उस मुश्किल दौर से कांग्रेस की कमान संभालने वाले भूपेश बघेल ने जमीनी स्तर पर काम करना चालू किया ।
कठिन और कड़े निर्णय लिए एक ऐसी टीम बनाई जो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से सीधे सवांद कर सके । उनकी मेहनत का ही ये परिमाण हुआ बीजेपी 13 सीट में सिमट गई और 68 सीट पर कांग्रेस का कब्जा हो गया ।

बघेल ने 80 के दशक में यूथ कांग्रेस के साथ राजनीति पारी की शुरुआत की। 1990 से 1994 तक वह जिला युवक कांग्रेस कमेटी दुर्ग (ग्रामीण) के अध्यक्ष रहे हैं। इसके बाद पार्टी ने 1993 से 2001 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड का निदेशक बनाया। इसके बाद जब अलग राज्य छत्तीसगढ़ बना तो वो पाटन सीट से चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे। इस दौरान बघेल कैबिनेट मंत्री बने। सरकार में राजस्व, लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और राहत कार्य के तौर पर प्रदेश के पहले मंत्री बने।

इसके बाद 2003 के चुनाव में पार्टी चुनाव हार गई और बीजेपी की सरकार बनी। रमन सिंह मुख्यमंत्री बने और 15 साल तक राज्य में भाजपा की ही सरकार रही। इस दौरान विपक्ष की भूमिका में कांग्रेस रही। साल 2004 में बघेल दुर्ग लोकसभा सीट से खड़े हुए और लेकिन चुनाव हार गए। इसके बाद साल 2009 में भी वो लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए। इसके बाद पार्टी ने 2014 में बघेल को बड़ी जिम्मेदारी दी और उनके हाथ में राज्य की कमान सौंप कर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।

भूपेश बघेल का जीवन परिचय (bhupesh baghel biography in hindi)
वर्ष जिम्मेदारी
1990-94 जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष (दुर्ग ग्रामीण)
सदस्य, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी
महामंत्र, कार्यक्रम समन्वयक प्रदेश छत्तीसगढ़

1993 प्रथम बार निर्वाचित, तदन्तर 1998, 2003, 2013 में चौथी बार विधानसभा पहुंचे

1998 राज्यमंत्री, मुख्यमंत्री से संबद्ध जनशिकायत निवारण (स्वतंत्र प्रभार ) छत्तीसगढ़ शासन

1999 मंत्री, परिवहन विभाग, मध्य प्रदेश

2000 मंत्री, राजस्व पुनर्वास, राहत कार्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी छत्तीसगढ़

2013 सदस्य, कार्य मंत्रणा समिति, छत्तीसगढ़ विधानसभा

2014-15 सदस्य, लोक लेखा समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा

2018 विधायक, पाटन सीट, दुर्ग छत्तीसगढ़

भूपेश बघेल अभिरुचि (Hobbies)
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को साहित्य पढ़ना, योग और खेलकूद में ज्यादा रूचि है।

भूपेश बघेल की विदेश यात्राएं
छत्तीसगढ़ के तीसरे सीएम भूपेश बघेल ने कई देशों की यात्राएं भी की हैं। इसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, थाईलैंड, सिंगापुर और नेपाल शामिल हैं।

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