छत्तीसगढ़ देश का मिलेट हब बनेगा। कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद और 14 जिलों के साथ आज एमओयू किया गया।
छत्तीसगढ़ देश का मिलेट हब बनेगा। कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद और 14 जिलों के साथ आज एमओयू किया गया।
छत्तीसगढ़ देश का मिलेट हब बनेगा।
कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद और 14 जिलों के साथ आज एमओयू किया गया।आई.आई.एम.आर. मिलेट उत्पादन बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ के किसानों तकनीकी जानकारी देगा
उच्च क्वालिटी के बीज, सीड बैंक की स्थापना एवं प्रशिक्षण में भी मदद करेगा
मिलेट उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने उपज की सही कीमत और आदान सहायता देने के साथ समर्थन मूल्य पर खरीदी, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग की पहल कीमिलेट के प्रसंस्करण और वेल्यूएडिशन से किसानों, महिला समूहों और युवाओं को मिलेगा रोजगार
छत्तीसगढ़ के 20 जिलों के 85 विकासखण्डों में होता है मिलेट्स का उत्पादन
प्रथम चरण में 14 जिलों कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बलरामपुर, कोरिया, जशपुर और सूरजपुर जिलों के साथ किया गया है एम.ओ.यू.
मिलेट मिशन में आगामी पांच वर्षों में खर्च किए जाएंगे ₹ 170 करोड़ 30 लाख