एक तो बढ़ी हुई मंहगाई , ऊपर से आम जनता पे अलग बोझ, बसों का किराया बढ़ाने की स्वीकृति मिली
छत्तीसगढ़ में 25% बढ़ा बसों का किराया:मुख्यमंत्री बघेल ने दी सहमति, बस संचालक कई दिनों से कर रहे थे मांग; इससे पहले जुलाई-2018 में बढ़ा था
नीतेश वर्मा
ब्यूरो हेड
छत्तीसगढ़ में बस यात्रा भी महंगी हो गई है। बस संचालकों की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यात्री किराए में 25% वृद्धि पर अपनी सहमति दे दी है। यानी जिस दूरी के लिए आप कल तक 100 रुपए किराया देते थे, उसी के लिए 125 रुपए खर्च करने होंगे। बस संचालक पिछले कई दिनों से किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ तथा बस ऑनर्स फेडरेशन ऑफ छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि मंडल ने रविवार रात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। इसका नेतृत्व रायपुर नगर निगम के सभापति और छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के संरक्षक प्रमोद दुबे जैसे नेता कर रहे थे।
संघ ने 40 प्रतिशत तक किराया बढ़ाने की थी मांग
प्रतिनिधिमंडल ने यात्री किराए में 40 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव रखा। उनका कहना था, डीजल की कीमतों में वृद्धि और अन्य उपकरणों की कीमत में वृद्धि के कारण उन्हें भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कुछ देर तक चर्चा के बाद मुख्यमंत्री किराया बढ़ाने के प्रस्ताव पर सहमत हो गए, हालांकि उन्होंने 40 की जगह 25% वृद्धि पर ही सहमति जताई है। इसके बाद बस संचालक भी संतुष्ट नजर आए। चर्चा के दौरान परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, परिवहन आयुक्त टोपेश्वर वर्मा, अपर परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा और संयुक्त परिवहन आयुक्त देवव्रत सिरमौर भी मौजूद थे।
छत्तीसगढ़ में 25% बढ़ा बसों का किराया:मुख्यमंत्री बघेल ने दी सहमति, बस संचालक कई दिनों से कर रहे थे मांग; इससे पहले जुलाई-2018 में बढ़ा था
रायपुर5 घंटे पहले
बस संचालकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर 40 प्रतिशत तक यात्री किराया बढ़ाने की मांग की थी।
छत्तीसगढ़ में बस यात्रा भी महंगी हो गई है। बस संचालकों की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यात्री किराए में 25% वृद्धि पर अपनी सहमति दे दी है। यानी जिस दूरी के लिए आप कल तक 100 रुपए किराया देते थे, उसी के लिए 125 रुपए खर्च करने होंगे। बस संचालक पिछले कई दिनों से किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ तथा बस ऑनर्स फेडरेशन ऑफ छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि मंडल ने रविवार रात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। इसका नेतृत्व रायपुर नगर निगम के सभापति और छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के संरक्षक प्रमोद दुबे जैसे नेता कर रहे थे।
संघ ने 40 प्रतिशत तक किराया बढ़ाने की थी मांग
प्रतिनिधिमंडल ने यात्री किराए में 40 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव रखा। उनका कहना था, डीजल की कीमतों में वृद्धि और अन्य उपकरणों की कीमत में वृद्धि के कारण उन्हें भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कुछ देर तक चर्चा के बाद मुख्यमंत्री किराया बढ़ाने के प्रस्ताव पर सहमत हो गए, हालांकि उन्होंने 40 की जगह 25% वृद्धि पर ही सहमति जताई है। इसके बाद बस संचालक भी संतुष्ट नजर आए। चर्चा के दौरान परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, परिवहन आयुक्त टोपेश्वर वर्मा, अपर परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा और संयुक्त परिवहन आयुक्त देवव्रत सिरमौर भी मौजूद थे।
बस संचालकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपनी मांग रखी थी।
जुलाई 2018 में बढ़ा था किराया
बस संचालकों ने बताया, इससे पहले 16 जुलाई 2018 को यात्री बसों का किराया बढ़ाया गया था। उस समय भी सिटी बसों को छोड़ दिया गया था। उस समय डीजल का मूल्य 69.20 रुपया प्रति लीटर था। आज इसकी कीमत 96 रुपए प्रति लीटर तक हो चुकी है। किराया बढ़ाने की मांग को लेकर बस संचालक मई महीने से ही आंदोलन कर रहे थे। जुलाई में उन्होंने रायपुर में बड़ा प्रदर्शन किया था।
अघोषित तौर पर पहले ही वसूल रहे थे बढ़ा किराया
लॉकडाउन खुलने के बाद ही बस संचालकों ने यात्री किराया जबरन बढ़ा दिया था। यात्रियों से 40% अतिरिक्त किराया वसूला जा रहा था। रायपुर से झलप तक की यात्रा में जहां पहले 80 रुपए लगते थे, वहीं अब 150 रुपए लिए जा रहे थे। नहीं देने पर रास्ते में उतार देने की धमकी मिलती थी।
अतिरिक्त किराया वसूली को बस संचालक एजेंटों की करतूत बता रहे थे और एजेंट मालिकों का निर्देश कहकर अपना बचाव करने की कोशिश में थे। 10 दिन पहले ही परिवहन विभाग के उड़न दस्ते ने महासमुंद-रायपुर रूट पर चलने वाले 16 बसों की जांच की थी। इसमें अधिक किराया वसूलने का मामला सामने आया। विभाग ने इन बसों पर 35 हजार 500 रुपए का चालान भी काटा।