उत्तरप्रदेश सरकार से संविदा कर्मचारियों को तगड़ा झटका।
1332 बिजलीकर्मियों की सेवा समाप्त की गई।
अक्षय अजय बेहरा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक तरफ बिजली कर्मचारियों की हड़ताल जारी है तो वहीं दूसरी तरफ अब सरकार ने भी प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों पर एक्शन लेना शुरू कर दिया है। हड़ताल करने वाले बिजली विभाग के कर्मचारियों पर योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी के मुताबिक यूपी के ऊर्जी मंत्री एके शर्मा ने दावा किया है कि बिजली विभाग के 1,332 संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि 22 बिजलीकर्मियों पर अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून की धारा के तहत केस भी दर्ज कर लिया गया है। शर्मा ने हड़ताल में शामिल कर्माचारियों को काम पर वापस लौटने के लिए कहा है। ऊर्जा मंत्री ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि काम पर न लौटने वाले कर्मचारियों को बर्खास्तगी का सामना करना पड़ेगा। इस बीच हड़ताल का नेतृत्व कर रहे बिजली विभाग के कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री की चेतावनी का जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर कर्मचारियों को बर्खास्त या गिरफ्तार किया गया तो सांकेतिक हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जाएगी। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेताओं ने चेतावनी दी है कि सभी विद्युत कर्मचारी, ऊर्जा निगमों के कनिष्ठ अभियंता, इंजीनियर और संविदा कर्मचारी जल्द ही सामूहिक ‘जेल भरो’ आंदोलन शुरू करेंगे। इस बीच बलिया जिला प्रशासन ने बिना अनुमति ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए बिजली विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करना शुरू कर दिया है। 22 लोगों पर ESMA के तहत एक्शन शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों और दूसरों के काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ भी केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में 29 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। बलिया में बिजली विभाग के दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। दोनों कर्मचारी अपनी ड्यूटी से नदारद मिले थे। दरअसल, जिलाधिकारी रवींद्र कुमार और पुलिस अधीक्षक राजकरण नैय्यर विष्णुपुर विद्युत गृह का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान ही दोनों कर्माचारी अनुपस्थित पाए गए। बाद में जिलाधिकारी के निर्देश पर अनुपस्थित कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। शनिवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि शाम 6 बजे तक सभी कर्मचारियों से काम पर लौटने का अनुरोध किया जा रहा है। इसके बाद शनिवार रात से उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों से पास होने वाले लोगों की एक सूची तैयार की जानी चाहिए, जिन्हें अप्रेंटिस के रूप में नियुक्त किया जा सके। हालांकि, इस बात का फैसला बाद में होगा कि उनकी सेवा जारी रखी जाएगी या नहीं। जिलाधिकारी ने सभी बिजली घरों के आसपास पुलिस बल की तैनाती का निर्देश दिया है, उन्होंने कहा है कि अगर कोई उपद्रवी गड़बड़ी करने की कोशिश करता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का दावा है कि यूपी के बिजली विभाग में 70 हजार संविदा कर्मचारी हैं।