आस्था पर प्रहार – कचरा गाड़ी में गणेश प्रतिमाएं:लोगों ने विश्वास के साथ रायपुर नगर निगम को सौंपी थी, कर्मचारी ट्रक में भरकर लाए और महादेव घाट कुंड में फेंक दी
नीतेश वर्मा
ब्यूरो हेड
एक तरफ जहाँ हिन्दू एकता संगठन लोगो से अपील करते नही थक रहा कि अपने समाज का ,अपने धर्म अपमान न करें ,पर लोग है कि समझने को तैयार ही नही । कभी गलत तरीक़े से मूर्तियों को बैठाना, कभी विर्सजन के दौरान मदिरापान करते हुए , फिल्मी गानों पर अश्लीलता से भरे डांस करना ।
रायपुर में भगवान गणेश की जिन प्रतिमाओं को लोगों ने 10 दिन तक पूजा की, उनको सरकारी लचर सिस्टम की वजह से अपमान झेलना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर प्रतिमा विसर्जन के कुछ वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं। नगर निगम की कचरा गाड़ी में भगवान की प्रतिमाओं को लाया गया है। कुछ कर्मचारी विसर्जन कुंड में प्रतिमाओं को फेंक रहे हैं। अब सोशल मीडिया पर नगर निगम की व्यवस्था के साथ-साथ उन आम लोगों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, जिन्होंने प्रतिमाओं को निगम के भरोसे छोड़ दिया।
वीडियो और तस्वीरों की पड़ताल करने पर इस बात की पुष्टि हुई कि कुछ लोगों ने इन्हें महादेव घाट पर ही मोबाइल के कैमरे पर रिकॉर्ड किया। रविवार को शहर के अलग-अलग इलाकों से छोटी प्रतिमाओं को नगर निगम की कचरा गाड़ी में महादेव घाट में बने अस्थायी कुंड में लाया गया। शाम के वक्त एक ट्रक में भी प्रतिमाएं लाई गईं, जिन्हें कर्मचारी करीब 10 फीट की दूरी से ट्रक में चढ़कर सीधे नदी में फेंक रहे थे।
जब सम्मान नहीं कर सकते तो जिम्मेदारी न लें
इस मामले में नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि जब नगर निगम इस तरह की व्यवस्था ठीक ढंग से संचालित नहीं कर सकता तो उसे जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए। लोग जिन्होंने 10 दिनों तक भगवान की पूजा अपने घरों में की वह खुद विसर्जन कर लेते। नगर निगम ने लोगों को व्यवस्था दी। इसी वजह से भरोसा करते हुए लोगों ने अपनी प्रतिमाएं नगर निगम के अस्थाई कुंड के पास छोड़ दी। नगर निगम के मुखिया भी इस बात पर जोर नहीं देते कि विसर्जन की व्यवस्था ठीक ढंग से संचालित हो। विसर्जन की कोई निगरानी भी नहीं की जा रही है। प्रतिमाओं का ऐसा अनादर देखकर आमजन का कहना है कि हमें बेहद दुख हुआ है। इस व्यवस्था को जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए।