अब विदेशों में भी मिलेगी अंबानी परिवार को ‘Z प्लस सुरक्षा’, कौन उठाएगा खर्च?

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को पूरे देश और विदेशों में भी हाई क्लास ‘Z प्लस’ सुरक्षा दी जाए।

भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार और उद्योगपति मुकेश अंबानी को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को पूरे देश और विदेशों में भी हाई क्लास ‘जेड प्लस’ सुरक्षा दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंबानी परिवार को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी सरकार की होगी, हालांकि इसका पूरा खर्च खुद अंबानी परिवार देगा।

दरअसल, त्रिपुरा के एक याचिकाकर्ता ने अंबानी परिवार की सुरक्षा को लेकर एक याचिका डाली थी। याचिका में उसने पूछा था कि अंबानी परिवार को मिलने वाली सुरक्षा केवल मुंबई तक है या उसके बाहर भी। इस पर सुनवाई करते हुए, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने सोमवार को कहा कि सोच-विचार करने के बाद यह राय है कि यदि सुरक्षा संबंधी खतरा है, तो सुरक्षा व्यवस्था को किसी विशेष क्षेत्र या रहने के किसी विशेष स्थान तक सीमित नहीं किया जा सकता। पीठ ने आगे कहा कि प्रतिवादी संख्या दो से छह (अंबानी परिवार) को प्रदान की गई ‘Z प्लस’ सुरक्षा उन्हें पूरे देश और विदेश में उपलब्ध कराई जाएगी और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा कि ‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्रदान करने का पूरा खर्च और लागत अंबानी परिवार ही वहन करेगा।

दरअसल देश के मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी को सरकार की ओर से ‘Z प्लस’ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है। वहीं उनके परिवार के कुछ सदस्यों को ‘Y प्लस’ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है। इसे लेकर बिकास साहा नाम के एक याचिकाकर्ता ने त्रिपुरा हाई कोर्ट में PIL दाखिल की थी। जिसके बाद हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय से अंबानी परिवार के ऊपर खतरे को लेकर किए गए आकलन का ब्यौरा मांगा था। इसे चुनौती देते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी थी कि यह सुरक्षा महाराष्ट्र सरकार ने दी है।  इसके खिलाफ पहले भी याचिका दाखिल की गई थी। जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस पूरे मामले से त्रिपुरा का कोई संबंध नहीं है। ऐसे में किसी परिवार को सुरक्षा दिए जाना विरोध का विषय नहीं हो सकता है। गौरतलब है कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अंबानी परिवार को दी गई सुरक्षा जारी रखने का आदेश दिया था।

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