अब प्रदेश में हुक्का होगा अवैध, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ऐलान।
क्या अब करेगी दुर्ग पुलिस ढिल्लन जैसे बड़े होटलों पर करेगी कार्रवाई ?
अक्षय अजय बेहरा (ब्यूरो हेड, छत्तीसगढ़), दुर्ग : प्रदेश में हुक्का बार का संचालन अवैध घोषित कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृत्ति पर प्रभावी रोक लगाते हुये राज्य में एक स्वस्थ वातावरण के निर्माण की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम उठाया गया है। हुक्का बार संचालन की रोकथाम के लिए अधिनियम में संशोधन करते हुए कठोर प्रावधान लागू किए गए हैं। संशोधित अधिनियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। प्रदेश के विभिन्न भोजनालय, होटल, रेस्टॉरेन्ट आदि सहित अन्य जगहों पर संचालित हुक्का बारों में फ्लेवरयुक्त सामग्री के अलावा तम्बाकू एवं अन्य मादक द्रव्यों के उपयोग किये जाने से युवा पीढ़ी सहित आमजन आकर्षित होकर अपने स्वास्थ्य का नुकसान करने की जानकारी प्राप्त हो रही थी। अतः इन हुक्का बारों पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक प्रतीत हो रहा था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इस अवैध गतिविधि पर संज्ञान लेते हुये हुक्का बारों पर कठोर कार्रवाई करने तथा समस्त हुक्का बारों को बंद किये जाने के निर्देश दिये गये थे। मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में पुलिस विभाग द्वारा समस्त हुक्का बारों पर कठोर कार्रवाइयां की गई तथा प्रदेश के समस्त हुक्का बारों को बंद कराया गया। शासन के इस असर का फिलहाल दुर्ग पुलिस पर असर नहीं दिख रहा। ढिल्लन होटल सहित अन्य जगहों पर हुक्का बार संचालित हो रहे हैं। पिछले दिनों पुलिस ने इन हुक्का बार पर करवाई भी की। बाद में कार्रवाई बंद कर दी। इधर ऐसे बार देर रात तक खुल रहे हैं, जिन पर पुलिस की नजर नहीं पड़ रही।
हुक्का बार के मामलों में प्रावधान :
भारत सरकार के “सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003” में आवश्यक संशोधन का प्रारूप छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तैयार किया गया है। अधिनियम के संशोधन प्रस्ताव को छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित किये जाने के पश्चात् सक्षम अनुमति प्राप्त की गई। छत्तीसगढ़ राज्य के विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा 10 फरवरी 2023 को अधिनियम का प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र में किया गया। संशोधन अधिनियम के तहत राज्य में किसी भी प्रकार के हुक्का बार के संचालन को प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल के माध्यम से धुम्रपान को भी निषिद्ध किया गया है। हुक्का बार के संचालन पाये जाने पर हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को जब्त करने का प्रावधान किया गया है। जो कोई भी व्यक्ति हुक्का बार का संचालन करते पाया जाएगा तो उसके विरूद्ध गैर-जमानतीय अपराध कायम होगा तथा वह ऐसे कारावास जो कि 3 वर्ष तक का हो सकेगा, किन्तु 1 वर्ष से कम नहीं होगा और जुर्माना, जो कि 50 हजार रुपये तक का हो सकेगा, किन्तु जो 10 हजार रुपये से कम का नहीं होगा वह भी दण्डनीय होगा। इसी तरह जो कोई व्यक्ति हुक्का बार में हुक्का के माध्यम से धुम्रपान करते हुये पाया जाता है तो वह ऐसे जुर्माना, जो कि 5 हजार रुपये तक हो सकेगा, किन्तु जो एक हजार रुपये से कम नहीं होगा, से दण्डित किया जाएगा। यह संशोधन अधिनियम तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है।